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भारत को ऊर्जा के लिहाज से स्वतंत्र बनाने में सहायता के लिए , कोयला मंत्रालय ने कोयला गैसीकरण के लिए राजस्व साझाकरण में 50 प्रतिशत रियायत को स्वीकृति दे दी है ।
कोयला गैसीकरण को समर्थन और रियायती दर पर क्षेत्र को कोयला उपलब्ध कराने के क्रम में , कोयला मंत्रालय ने कोयला ब्लॉकों की नीलामी के लिए राजस्व साझेदारी में 50 प्रतिशत रियायत के लिए एक नीति पेश की है । जिसके अनुसार अगर सफल बोलीदाता निकाले गए कोयले का या तो अपने संयंत्र या अपनी होल्डिंग , सहायक कंपनियों में कोयले के गैसीकरण या द्रवीकरण में उपयोग करती है या सालाना आधार पर कोयले के गैसीकरण या द्रवीकरण के लिए कोयले को बेचती है तो बोलीदाता रियायत का पात्र होगा । हालांकि , यह उस साल के लिए स्वीकृत खनन योजना के तहत निर्धारित कोयला उत्पादन का कम से 10 प्रति गैसीकरण या द्रवीकरण के लिए उपभोग करने या बेचने की शर्तों से बंधा रहेगा ।
' कोयला गैसीकरण ' ( Coal Gasification ) को कोयला जलाने की तुलना में स्वच्छ विकल्प माना जाता है । कोयला गैसीकरण , कोयले को संश्लेषित गैस ( Synthesis Gas ) - सिनगैस ( syngas ) में परिवर्तित करने की प्रक्रिया है । इस प्रक्रिया में कार्बन मोनोऑक्साइड ( CO ) , हाइड्रोजन ( H2 ) , कार्बन डाइऑक्साइड ( CO2 ) , प्राकृतिक गैस ( CH4 ) , और जल वाष्प ( H2O ) के मिश्रण से सिनगैस का निर्माण लिया जाता है ।
गैसीकरण से कोयले की रासायनिक विशेषताओं के उपयोग की सहूलियत मिलती है ।
गैसीकरण के दौरान , कोयले को उच्च दबाब पर गर्म करते हुए ऑक्सीजन तथा भाप के साथ मिश्रित किया जाता है ।
इस अभिक्रिया के दौरान , ऑक्सीजन और जल के अणु कोयले का ऑक्सीकरण करते हैं और सिनगैस का निर्माण करते हैं ।
गैस का परिवहन , कोयले के परिवहन की तुलना में बहुत सस्ता होता है ।
स्थानीय प्रदूषण समस्याओं का समाधान करने में सहायक होता है ।
गैसीकरण , पारंपरिक कोयला दहन की तुलना में अधिक दक्ष होता है क्योंकि इसमें गैसों का प्रभावी ढंग से दो बार उपयोग किया जा सकता है ।
कोयला गैसीकरण ऊर्जा उत्पादन के अधिक जल- गहन रूपों में से एक है ।
कोयला गैसीकरण से जल संदूषण , भूमि - धसान तथा अपशिष्ट जल के सुरक्षित निपटान आदि के बारे में चिंताएं उत्पन्न होती हैं ।
भारत वर्तमान में , कोयले का दूसरा सबसे बड़ा आयातक , उपभोक्ता और उत्पादक देश है , और इसके पास दुनिया का चौथा सबसे बड़ा कोयला भंडार है ।
यह मुख्य रूप से इंडोनेशिया , ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका से कोयले का आयात करता है ।
कोयले के वाणिज्यिक खनन को अनुमति प्रदान की गयी है , जिसके तहत निजी क्षेत्र को 50 ब्लॉक की पेशकश की जाएगी ।
बिजली संयंत्रों को " प्रक्षालित / धुला हुआ " कोयले का उपयोग करने की अनिवार्यता संबंधी विनियमन को हटा कर ' प्रवेश मानदंडों को उदार बनाया जाएगा ।
निजी कंपनियों को निश्चित लागत के स्थान पर राजस्व बंटवारे के आधार पर कोयला ब्लॉकों की पेशकश की जाएगी ।
कोल इंडिया की कोयला खदानों से ' कोल बेड मीथेन ( CBM ) निष्कर्षण अधिकार नीलाम किए जाएंगे ।
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